बॉम्बे हाईकोर्ट की पणजी बैंच ने मंगलवार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे अभिजात को नोटिस जारी किया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने ईको-रिसॉर्ट के निर्माण के लिए कथित तौर पर वनों का विनाश किया है. अभिजात पर्रिकर और राज्य के मुख्य सचिव, वन एवं पर्यावरण सचिव और मुख्य वन संरक्षक सहित अन्य जिम्मेदारों को नोटिस का जवाब देने के लिए 11 मार्च तक का समय दिया गया है. यह नोटिस नेतरावली पंचायत के उप सरपंच अभिजीत देसाई द्वारा दायर याचिका के आधार पर जारी किया गया है. जो दक्षिण गोवा में नेतरावली वन्यजीव अभयारण्य के पास रिसॉर्ट के निर्माण पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं. याचिका के अनुसार, रिसॉर्ट के निर्माण के लिए एक विशाल वन क्षेत्र को नष्ट कर दिया गया था और जल्द से जल्द इसका निर्माण सके इसके लिए कई उप-कानून भी पारित किए गए. कांग्रेस-बीजेपी के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस ईको-रिसार्ट के निर्माण में तेजी के लिए विशेष रूप से सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार द्वारा एक अध्यादेश पारित किया गया था. इस प्रोजेक्ट के चलते कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर 'भाई-भतीजावाद' का आरोप लगाया है, लेकिन बीजेपी ने किसी भी तरह की अनियमितता से साफ इनकार किया है. गोवा बीजेपी प्रमुख विनय तेंदुलकर ने कहा, 'प्रोजेक्ट में कुछ भी अवैध नहीं है. उन्होंने (अभिजात पर्रिकर) जमीन खरीदी है. हमें (मनोहर) पर्रिकर पर और साथ ही उनके बेटे पर पूरा भरोसा है.
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मनोहर पर्रिकर के बेटे अभिजात को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस
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